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Hindi

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भाषा केवल अभिव्यक्ति एवं सम्पर्क का माध्यम ही नहीं है, अपितु वह सामाजिक सोच सामासिक संस्कृति और सामूहिक मानसिकता के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत जैसे एक बहुभाषी और बहु-सांस्कृतिक देश की राजभाषा एवं संपर्क भाषा होने के साथ-साथ हिन्दी विभिन्न भाषा-भाषी समाजों और संस्कृतियों के बीच अंतः संवाद का माध्यम भी है। दयानन्द महाविद्यालय का हिन्दी विभाग शैक्षिक एवं सामाजिक प्रतिवद्धता के साथ उपेक्षित समूहों को केन्द्र में लाने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। हिन्दी विभाग की स्थापना 1 जून 1950 में महाविद्यालय के आरम्भ होने के वर्ष से चल रहा है जिसमें स्नातक, बी.एस.सी. एवं बीएमसी के पाठयक्रमों को शामिल किया गया है। महाविद्यालय में हिन्दी विभाग के प्रारंम्भिक कर्णधार में डा० जयनाथ नलिन, डा० गणपति चन्द्रगुप्त, डा० शिव कुमार शर्मा आदि एवं पूर्व विभागाध्यक्ष डा० राकेश वत्स, डा० ओ.पी. विरयानी, श्री आई.जे. नाहल श्री राम विचार श्री रघुवीर अनाम, नीलम टोकी एवं वर्तमान विभागाध्यक्ष डा० मोनिका जी की मेहनत, दूरदृष्टि, अथक प्रयास एवं उचित मार्गदर्शन से विभाग प्रत्येक वर्ष उन्नति की ओर अग्रसर है। हिन्दी विभाग से बहुत से विद्यार्थी उच्च शिक्षा के लिए चयनित होते हैं। विभाग शिक्षा के साथ-साथ अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों के द्वारा विद्यार्थियों के समूचे व्यक्तित्व के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

 

COURSES OFFERED BY THE DEPARTMENT :

Arts Stream                 B.A I, II, III –Hindi (Compulsory)

Science Stream           B.Sc II- Hindi (Compulsory)

Mass Communication  B.A.M.C I (1st SEMESTER)

 

CERTIFICATE COURSES OFFERED BY THE DEPARTMENT :

  • Devnagari Tankan
  • Gita Adhayan